अग्नि चोपड़ा, जिन्हें हम अग्नि देव चोपड़ा के नाम से भी जानते हैं, एक उभरते हुए क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से क्रिकेट जगत में अपनी जगह बनाई है। 4 नवंबर 1998 को डेट्रॉइट, मिशिगन, यूएसए में जन्मे अग्नि, भारत में पले-बढ़े और क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को विकसित किया। वह एक बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफ-ब्रेक गेंदबाज हैं। उनकी कहानी एक फिल्मी परिवार से आकर भी क्रिकेट को चुनने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर MI न्यूयॉर्क फ्रैंचाइज़ी के लिए खेलने तक की यात्रा की है, जो प्रेरणादायक है। इस लेख में, हम अग्नि चोपड़ा की जिंदगी और क्रिकेट करियर पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ये भी पढ़ें
- Ahmedabad Plane Crash: जानिए घटना की पूरी कहानी
- Ahmedabad Plane Crash: आग के गोले में भी बची भगवद्गीता और एक जिंदगी
अग्नि चोपड़ा का जन्म एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा और फिल्म समीक्षक अनुपमा चोपड़ा के घर हुआ। उनके पिता ने “3 Idiots”, “Munna Bhai MBBS” जैसी सुपरहिट फिल्में बनाई हैं, जबकि उनकी माँ एक प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक और लेखिका हैं। ऐसे परिवार में पलकर भी अग्नि ने फिल्मों की चमक-दमक को छोड़कर क्रिकेट को अपना करियर बनाने का फैसला किया। उनके माता-पिता ने हमेशा उनके फैसलों का सम्मान किया और उन्हें उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। अग्नि ने छोटी उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया और इस खेल में अपना भविष्य देखा।
बचपन में, अग्नि मुंबई में क्रिकेट के मैदानों पर समय बिताते थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा और क्रिकेट प्रशिक्षण ने उन्हें एक मजबूत आधार दिया। उन्होंने स्कूल और स्थानीय क्लब स्तर पर क्रिकेट खेला, जहाँ उनकी प्रतिभा जल्द ही सामने आई।
अग्नि की क्रिकेट यात्रा मुंबई से शुरू हुई, जहाँ उन्होंने अंडर-19 स्तर पर मुंबई क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया और कप्तानी भी की। इस दौरान, उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता और बल्लेबाजी कौशल का परिचय दिया। बाद में, वह मुंबई अंडर-23 टीम का हिस्सा बने। 2019-20 में, उन्होंने Col. C.K. Nayudu Trophy में मुंबई अंडर-23 के लिए लगभग 800 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और एक दोहरा शतक शामिल था। यह प्रदर्शन उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।
हालांकि, मुंबई में सीमित अवसरों के कारण, उन्हें रणजी ट्रॉफी में जगह नहीं मिली। इस चुनौती ने उन्हें मिज़ोरम की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया, जहाँ उन्हें अधिक खेलने का मौका मिला। मिज़ोरम के लिए खेलते हुए, अग्नि ने अपना पहला-श्रेणी डेब्यू सिक्किम के खिलाफ किया, जहाँ उन्होंने शानदार 166 रन बनाए। यह उनके करियर का एक टर्निंग पॉइंट था।
जनवरी 2024 में, अग्नि ने रणजी ट्रॉफी इतिहास में एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया, जब वह अपने करियर के पहले चार मैचों में प्रत्येक में शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने। उन्होंने एक सीज़न में 939 रन बनाए, और कुल मिलाकर 11 पहली-श्रेणी मैचों में 1804 रन बनाए, जिसमें 94.94 का औसत था। उनकी बल्लेबाजी में 9 शतक और 5 अर्धशतक शामिल थे, जिसमें सबसे अधिक 238* रन का स्कोर था। इसके अलावा, उन्होंने Syed Mushtaq Ali Trophy में मिज़ोरम के लिए 7 मैचों में 234 रन बनाए, जिसमें 150.96 की स्ट्राइक रेट थी।
टूर्नामेंट | मैच | रन | औसत | शतक | अर्धशतक | सर्वोच्च स्कोर |
---|---|---|---|---|---|---|
Col. C.K. Nayudu Trophy 2019-20 | – | ~800 | – | 3 | – | 200* |
रणजी ट्रॉफी (मिज़ोरम) | 11 | 1804 | 94.94 | 9 | 5 | 238* |
Syed Mushtaq Ali Trophy | 7 | 234 | – | 0 | – | – |
अग्नि की राह आसान नहीं थी। रणजी ट्रॉफी में चयन न होना उनके लिए एक बड़ा झटका था। इसके अलावा, एक गंभीर चोट ने उन्हें कई महीनों तक खेल से दूर रखा। व्यक्तिगत जीवन में भी, उन्हें तनावों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने क्रिकेट छोड़ने पर विचार किया। इन कठिनाइयों ने उनके आत्मविश्वास को हिलाया, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और कोच खुशप्रीत सिंह औलख के समर्थन ने उन्हें वापस उठने में मदद की। खुशप्रीत ने न केवल उनकी तकनीक को निखारा बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ाया।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के नियमों के अनुसार, रणजी ट्रॉफी में केवल भारतीय पासपोर्ट धारक ही खेल सकते हैं। चूंकि अग्नि के पास अमेरिकी पासपोर्ट था (उनके डेट्रॉइट में जन्म के कारण), उन्हें भारतीय घरेलू क्रिकेट छोड़ना पड़ा। इसने उन्हें अमेरिका में मेजर लीग क्रिकेट (MLC) की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया। MLC अमेरिका में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया एक मंच है, जो उभरते खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करता है।
19 फरवरी 2025 को, अग्नि सैन फ्रांसिस्को से मुंबई के लिए एक उड़ान में थे, जब उन्हें MI न्यूयॉर्क द्वारा $50,000 में ड्राफ्ट किए जाने की खबर मिली। उड़ान में वाई-फाई न होने के कारण, उन्हें लैंडिंग तक इंतज़ार करना पड़ा। उनकी माँ ने उन्हें यह खुशखबरी दी, जिसे उन्होंने एक “पूर्ण चक्र” क्षण बताया, क्योंकि वह मुंबई से हैं, जहाँ MI फ्रैंचाइज़ी आधारित है।
अग्नि ने MI न्यूयॉर्क के लिए अपना डेब्यू मैच खेला, जहाँ उन्होंने ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में 5 रन बनाए। हालांकि यह शुरुआत मामूली थी, लेकिन यह उनके लिए एक बड़े मंच पर खेलने का पहला अनुभव था। MLC जैसे टूर्नामेंट में खेलना उनके लिए एक नया अवसर था, जिसने उन्हें अपनी प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का मौका दिया।
अग्नि की बल्लेबाजी शैली आक्रामक और सम्मोहक है। वह तेज गेंदबाजों के खिलाफ सहजता से खेलते हैं और उनकी स्ट्रोकप्ले बहुत विविध है। उनकी सबसे बड़ी ताकत उनका धैर्य है; वह लंबी पारियाँ खेलने में सक्षम हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर तेजी से रन बनाने की क्षमता भी रखते हैं। उनकी तकनीक मजबूत है, और वह विभिन्न प्रकार की गेंदबाजी का सामना करने में सक्षम हैं। उनकी 238* रनों की पारी इस बात का प्रमाण है कि वह बड़े स्कोर बनाने में माहिर हैं।
अग्नि ने हमेशा अपने कोच खुशप्रीत सिंह औलख को अपनी सफलता का श्रेय दिया है, जिन्होंने उन्हें हर परिस्थिति में समर्थन दिया। इसके अलावा, उनके माता-पिता, विधु विनोद चोपड़ा और अनुपमा चोपड़ा, ने भी उनके सपनों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके परिवार का समर्थन और कोच की मार्गदर्शन ने उन्हें कठिन समय में आगे बढ़ने की ताकत दी।
अग्नि चोपड़ा का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है। MLC में उनका प्रदर्शन, यदि वह जारी रखते हैं, तो उन्हें और बड़े अवसरों की ओर ले जा सकता है। हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने के लिए उन्हें भारतीय पासपोर्ट की आवश्यकता होगी। फिलहाल, वह अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और अपनी प्रतिभा को और निखार रहे हैं। MLC जैसे मंच उनके लिए एक सुनहरा अवसर हैं, और वह इसमें अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं।
अग्नि चोपड़ा की यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी है, जो दर्शाती है कि दृढ़ता और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। एक फिल्मी परिवार से आकर भी, उन्होंने क्रिकेट को चुना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका पाया। उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों का सामना करते हैं। भविष्य में, हम उम्मीद करते हैं कि अग्नि अपने करियर में और ऊंचाइयां छूएंगे और भारतीय मूल के क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा बनेंगे।