एक वैश्या एक पूर्ण संत के शिष्य का मजाक उड़ाती थी। जब भी वह बाजार आता, उसका ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए उससे मजाक करती। वो बेचारा दूसरी ओर ध्यान कर लेता।

एक दिन उसके गुरु ने शिष्य से कहा कि “आग चाहिए”। उस जमाने में लोग अंगारों को राख में दबाकर रखते थे। शिष्य गली और मोहल्ले में बहुत घूमा लेकिन आग ना मिली। अंत में बाजार में देखा कि वही वैश्या हुक्का पी रही है।

सोचता है — ये तो मुझसे पहले ही दुश्मनी रखती है। लेकिन गुरु का हुक्म है। ऊपर मकान पर चढ़ गया। वैश्या ने पूछा: “क्या बात है?”
वो बोला: “माई जी, आग चाहिए।”
वह मजाक में बोली: “आग की कीमत आंख है। आंख निकाल कर दे जाओ और आग ले जाओ।”

उसने तुरंत अंगुली डालकर आंख निकालकर आगे रख दी। वैश्या डर गई और आग दे दी।
पट्टी बांधकर गुरु के पास गया। गुरु ने पूछा: “आग ले आए?”
जवाब: “हां हुजूर, ले आया।”
गुरु बोले: “ये आंख पर पट्टी क्यों?”
बोला: “आंख आई हुई है और दुखती है।”
गुरु बोले: “अगर आई हुई है तो पट्टी खोल दे।”
जब पट्टी खोली तो आंख पहले की तरह सही सलामत थी।

👉 **मालिक हमेशा अपने भक्तों की लाज रखता है।**

▶️ Watch Video on YouTube

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *